Mantra Vigyan
मंत्र विज्ञान ये केवल शब्द नहीं , इनमें कामों सूक्ष्म तरंगे होती हैं
व्यस्त और तनावपूर्ण जीवन शैली में आज हर व्यक्ति मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन की तलाश में है। ध्यान योग और मंत्र जप जैसे साधन इसमें मार्गदर्शन बनते हैं लेकिन एक प्रश्न अक्सर अनदेखा रह जाता है क्या मंत्र केवल ध्वनि की पुनरावृति है या उनमें कोई गूढ़, दिव्य शक्ति भी निहित है। हर शब्द में शक्ति होती है लेकिन मंत्र में सूक्ष्म तरंगे छुपी होती हैं जब सही इरादे और श्रद्धा के साथ ध्यान में मंत्र का प्रयोग किया जाता है तो यह हमारे मन शरीर और आत्मा को गहराई से प्रभावित करते हैं मंत्र बिजली जैसे शक्तिशाली होते हैं जैसे बिजली का उपयोग प्रकाश देने ताप उत्पन्न करने और उपकरण चलाने के लिए होता है ठीक वैसे ही मंत्र भी जीवन के विभिन्न पहलुओं ऊर्जावान बना सकते हैं परंतु बिजली तभी कार्य करती है जब स्विच ऑन हो और कनेक्शन ठीक हो। इस तरह मंत्रों की शक्ति भी तभी प्रकट होती है जब हमारा आंतरिक कनेक्शन जोड़ा हो और यह जुड़ाव ध्यान के माध्यम से संभव है ध्यान मंत्र की शक्ति को सक्रिय करता है।
दूसरी और मंत्र भी ध्यान की अवस्था प्राप्त करने में उपयोगी हो सकते हैं मंत्रोंच्चारण को सुनते-सुनते जिसे मंत्र स्थान भी कहा जाता है मां अपने आप ध्यान में चला जाता है इस अवस्था में वेगस नर्व तेजी से काम करती है वेगस नर्व हमारे शरीर की सबसे लंबी नर्व तंत्रिका है या मस्तिष्क से शुरू होकर गर्दन के पीछे से होते हुए छाती और पेट तक जाती है यह विभिन्न अंगों जैसे हृदय फेफड़े पाचन तंत्र और इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करती है इसलिए हमारा नर्वस सिस्टम भी यानी तंत्रिका तंत्र संतुलित होता है इसका असर हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत दोनों पर असर पड़ता है ध्यान की अवस्था में मंत्र जप करने से जप का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है यह अभ्यास मंत्रों को केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक गहन है आत्मिक अनुभव में परिवर्तित कर देता है अगली बार जब आप कोई मंत्र जपे तो, एक क्षण ठहरे, गहरी सांस ले, मन को स्थिर करें और फिर जाप करें। आप अनुभव करेंगे कि वही शब्द केवल उच्चारण नहीं, बल्कि एक भीतर दिव्य गूंज बनकर उतर रहे हैं और कुछ अदृश्य ,परंतु गहरा, आपके भीतर बदल रहा है।
धर्म का विज्ञान यह है कि मंत्र कोई साधारण ध्वनि नहीं है इनमें सूक्ष्म तरंगे छुपी होती हैं ,जो हमारी तांत्रिक को प्रभावित करती हैं मंत्र चेतना के द्वार खोलने वाले कुंजी है लेकिन यह कुंजी तभी कार्य करती है ।जब उसे मौन और ध्यान के साथ किया जाए
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